किताबें रोती हैं
अलमारी में बंद हो गईं,
धूल झाड़ने वाला कौन??
पढ़ते-पढ़ते तन से चिपके,
अब सहलाने वाला कौन??
भूल गए थे रखकर हम तो,
शब्दकोश खरीद के लाए।
कवर गल कर उखड़ा हुआ है,
पृष्ठ पलटने वाला कौन??
पुस्तक सीने से चिपकाए,
छात्र-छात्रा कॉलेज जाएं।
अब हाथों में मोबाइल है,
कलम पकड़ने वाला कौन??
पोथी में इतिहास छिपा है,
महाग्रंथों की थाती हैं।
देश-विदेश की संस्कृति है,
सप्त वचन रखवाला कौन??
पढ़ना-लिखना पीछे छूटा,
बोलना-देखना शुरू हुआ।
कान "श्री" मोबाइल लगाए,
पोथी पढ़ने वाला कौन??
स्वरचित-सरिता श्रीवास्तव "श्री"
धौलपुर (राजस्थान)
Abhinav ji
20-Jun-2023 07:45 AM
Very nice 👍
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Reena yadav
19-Jun-2023 11:34 PM
👍👍
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ऋषभ दिव्येन्द्र
19-Jun-2023 11:03 PM
बेहतरीन और बेजोड़ रचना
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